सन् 1908 में स्व श्री राम जी लाल जो श्री गंगा मोटर कमेटी के स्थापक रहे है उनके घर में विवाह समारोह हो रहा था। वह मेरठ शहर मे एक अकेले ऐसे व्यापारी थे जिनकी दुकान पर अंतिम संस्कार से सम्बन्धित सामान उपलब्ध थे । जिस दिन उन के घर में विवाह समारोह था उसी दिन उन्ही के क्षेत्र में किसी व्यक्ति विषेश का स्वर्गवास हो गया और उसके परिवार से कोई व्यक्ति श्री राम जी लाल के यहॉ विवाह समारोह मे अंतिम संस्कार हेतु सामग्री लेने पहुच गया। घर में विवाह मोहत्सव होने के कारण श्री राम जी लाल सोच में पड गये की मै पहले अपने घर का विवाह देखु या इस व्यक्ति के सम्बन्धित के मृत्यु सम्बन्धित सामान व्यव्स्था करू उस दिन वहॉ से एक नई सोच ने जन्म लिया कि क्यों न इस कार्य के लिए धर्माथ सेवा शुरू की जाये जिससे किसी को भी किसी भी समय अंतिम संस्कार हेतू सामान उपलब्ध हो और उसे दर-दर की ठोकरे न खानी पडे।
इस सोच के साथ सन् 1908 में स्व श्री राम जी लाल लोहे वाले ने एक धर्माथ सेवा की स्थापना की जिसका नाम श्री गंगा मोटर कमेटी रखा गया जहॉ पर सभी धर्मो के, सभी जातियों के लिए अंतिम संस्कार हेतु सारी सुविधाए निःस्वार्थ उपलब्ध करायी जाती है।